इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।

कवि सीधा साधा, व्यवहारिक और विनम्र इंसान है| वह योग्य और बड़ी सादगी से अपने आलोचकों और उसके साथ धोखा करने वाले मित्रों अथवा अन्यों को व्यंग्य के माध्यम से जवाव दे देता है| लेकिन वह एक विनम्र व्यक्ति है इसी कारण से उसके उस व्यंग्य में भी विनम्रता होती है| कवि अपने छोटे से जीवन के सुखों और दुखों को व्यक्त नहीं करना चाहता| अपने जीवन के उन निजी अनुभवों को वह अपने तक ही सीमित रखना चाहता है| कवि द्वारा अपनी प्रेयसी के साथ गुजारे गए सुखद क्षणों को भी समाज के सामने अभिव्यक्त नहीं करना चाहता और इसीलिये वह कविता में एक स्थान पर कहता है कि-

‘‘छोटे से जीवन की कैसी बड़ी कथाएँ आज कहूँ।’’


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